कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले महाकुंभ और फिर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटनाओं को लेकर यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला है। ममता ने महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ करार दिया और आरोप लगाया कि इस आयोजन में वीआईपी लोगों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि गरीब और आम जनता इससे वंचित है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
ममता ने दबाने की कोशिश का आरोप लगाया
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई, लेकिन बिना पोस्टमार्टम किए ही शवों को पश्चिम बंगाल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन मौतों को दिल का दौरा बताकर दबाने की कोशिश की ताकि मुआवजा देने से बचा जा सके। ममता ने कहा कि यह लापरवाही दर्शाता है कि सरकार आम जनता की जिंदगी की परवाह नहीं करती और इस तरह के बड़े आयोजनों की ठीक से योजना नहीं बनाती।
बीजेपी पर धर्म के नाम पर देश को बांटने का आरोप
ममता ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर भी तीखा हमला किया और कहा कि ये लोग धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना डेथ सर्टिफिकेट के शव भेजने से पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिलने में मुश्किल होगी। ममता ने यह भी कहा कि सरकार का असली उद्देश्य धार्मिक आयोजनों का राजनीतिक लाभ उठाना है, न कि जनता की भलाई करना। उनके अनुसार, धर्म की आड़ में राजनीति करना गलत है और इससे समाज में बंटवारा होता है।
शिवपाल यादव ने भी उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी महाकुंभ को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहीं भी 144 साल बाद कुंभ का जिक्र नहीं है, यह सरकार का प्रचार का तरीका है। शिवपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने धार्मिक आस्था का इस्तेमाल अपने पीआर के लिए किया है और जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी विफलताओं की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देना चाहिए।